बिहार में फिलहाल लागू रहेगी शराबबंदी, हाईकोर्ट का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने रोका

liquor ban issued in bihar

liquor ban issued in bihar

नई दिल्ली/पटना.बिहार में शराबबंदी जारी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के पुराने शराबबंदी कानून को खारिज करने वाले पटना हाईकोर्ट के फैसले को रोक दिया है। हाईकोर्ट ने इस कानून को असंवैधानिक बताकर रद्द कर दिया था। इसके खिलाफ बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। 30 को हाईकोर्ट ने रद्द की थी अधिसूचना...

शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका से सरोकार जताया और तत्काल हाईकोर्ट के निर्णय को रोक दिया। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि नए शराबबंदी कानून को फिलहाल हाईकोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकती। हाईकोर्ट में नए कानून को चुनौती देने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट अपने पास मंगाकर सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति यूयू ललित की खंडपीठ ने बिहार सरकार और पटना हाईकोर्ट में शराबबंदी के फैसले को गैरकानूनी बताने वाली शराब कंपनियों से जवाब मांगा है। सरकार को 4 हफ्ते और कंपनियों को 6 हफ्ते में जवाब देना है। सुप्रीम कोर्ट 8 हफ्ते बाद फिर इस मामले की सुनवाई करेगा।
शराबबंदी के मामले सुप्रीम कोर्ट ही सुनेगा
मामले की सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने यह भी कहा कि 2 अक्टूबर से पूरे राज्य में लागू पूर्ण शराबबंदी के नए कानून को फिलहाल पटना हाईकोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकती। इससे जुड़े सभी मामलों की सुनवाई अब सुप्रीम कोर्ट में ही होगी। मालूम हो, नए कानून को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है।
सरकार ने पूछा था-शराबबंदी लागू कर सकते हैं या नहीं?
- बिहार सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका में सुप्रीम कोर्ट से सवाल किया था कि क्या वह राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू कर सकती है या नहीं? 
- क्या कोई व्यक्ति मौलिक अधिकारों का हवाला देकर शराब पीने का दावा कर सकता है?
- सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है-पटना हाईकोर्ट के शराबबंदी कानून को खारिज करने के आदेश से राज्य में शराबबंदी लागू करने का प्रयास प्रभावित हुआ है।
कमोबेश इन्हीं लाइन की दलीलों के आधार पर उच्चतम न्यायालय ने शराबबंदी के पुराने कानून को रद्द करने के पटना हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई।
30 को हाईकोर्ट ने रद्द की थी अधिसूचना
- बिहार उत्पाद अधिनियम1915 (यथा संशोधित बिहार उत्पाद अधिनियम 2016) की धारा 19(4) में प्रदत्त शक्ति का उपयोग करते हुए राज्य सरकार तात्कालिक प्रभाव से संपूर्ण राज्य में किसी लाइसेंस या किसी व्यक्ति द्वारा विदेशी शराब का थोक या खुदरा व्यापार और उपयोग पर रोक लगाती है।
यह 5 अप्रैल को जारी हुई थी। इस दिन से राज्य में पूर्ण शराबबंदी हुई। 1 अप्रैल से देसी शराब की बिक्री व 5 अप्रैल से विदेशी की बिक्री भी रोक दी गई।
2 अक्टूबर से राज्यभर में पूर्ण शराबबंदी का नया कानून हुआ लागू
राज्य सरकार ने 2 अक्टूबर 2016 को शराबबंदी का नया कानून (बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद विधेयक-2016) लागू कर दिया। इसमें पुराने कानून से ज्यादा सख्त सजा और रोकथाम की व्यवस्था है। ये इस प्रकार हैं-
- शराबबंदी से जुड़े अपराध गैरजमानती। 
- शराब के अवैध कारोबार में शामिल पाए जाने पर 7 से 10 साल तक की सजा। 
- अवैध शराब से मौत होने पर बनाने वालों को आजीवन कारावास की सजा। 
- अगर किसी घर में शराब मिलती है तो सभी बालिग महिला व पुरुष सदस्य जिम्मेदार होंगे। सब सजा के भागी बनेंगे।
- कोई अधिकारी अगर किसी को फंसाने के जिम्मेदार माने गए, तो उनको 3 साल तक की सजा होगी। 
- उत्पाद विभाग के एएसआई को पुलिसिंग का मिला अधिकार। मुकदमे के निपटारे को विशेष न्यायालय का गठन होगा। 
- किसी कैंपस में शराब मिलती है तो पूरा कैंपस सील होगा।

Source: Bhaskar
Labels:

Post a Comment

Incredible Bihar

(c) All right reserved by Incredible Bihar

Contact Form

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.
Javascript DisablePlease Enable Javascript To See All Widget