नई दिल्ली : जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार देशद्रोह के मामले में अब भी न्यायिक हिरासत में बंद विश्वविद्यालय के दो अन्य छात्रों की रिहाई के लिए किए जा रहे आंदोलन की अगुवाई करेगा।
कन्हैया ने बताया, ‘सरकार और पुलिस ने मेरी जमानत में देरी करने की भरसक कोशिश की, लेकिन फिर भी मामले में मुझे जमानत दी गई। लेकिन हमारी लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। उमर और अनिर्बान को अब तक रिहा नहीं किया गया है। मैं अब छात्र आंदोलन की अगुवाई करूंगा।’
दिल्ली उच्च न्यायालय की ओर से जमानत दिए जाने के बाद कन्हैया को पिछले हफ्ते तिहाड़ जेल से रिहा किया गया था। उन्होंने कहा, ‘यूं तो हमारा पहला जोर उनकी रिहाई पर है, लेकिन मुझे एक बात का यकीन है कि यदि मैंने अपनी आवाज बुलंद करने की विचारधारा को अपनाया तो जेल आना-जाना नियमित चीज हो जाएगी।’
जेएनयू परिसर में बीते नौ फरवरी को आयोजित एक विवादित कार्यक्रम में कथित तौर पर लगे भारत विरोधी नारों के सिलसिले में कन्हैया, उमर और अनिर्बान पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है। कन्हैया 18 दिन जेल में बिताकर रिहा हो चुके हैं जबकि उमर और अनिर्बान अब भी न्यायिक हिरासत में बंद हैं।
कन्हैया की अगुवाई वाले जेएनयू छात्र संघ ने सोमवार रात परिषद की एक बैठक बुलाई है जिसमें ‘जेएनयू पर हमले’ के मुद्दे पर चर्चा होगी और भविष्य के कदम को अंतिम रूप दिया जाएगा।
सोर्स: ज़ी मीडिया

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