12 पिलर के सहारे खड़ा है 2650 साल पुराना बोधिवृक्ष, सुरक्षा में 24 घंटे तैनात रहते हैं बिहार मिलिट्री पुलिस के 360 जवान

In Bihar there is tree, which is 2650 year old Bodhi tree. Four battalions of Bihar Military Police protect the trees including Bodimndir (approximately deployed 360 personnel). Its branches are so large that it has been erected along the 12 pillars of iron.

बिहार के गया में है 2650 साल पुराना यह बोधिवृक्ष. बोधिमंदिर सहित इस वृक्ष की सुरक्षा में बिहार मिलिट्री पुलिस की चार बटालियन (करीब 360 जवान) तैनात हैं. इसकी टहनियां इतनी विशाल हैं कि इसे लोहे के 12 पिलर के सहारे खड़ा किया गया है. 
संभवत: यह देश का पहला वृक्ष है, जिसके दर्शन के लिए हर साल 5 लाख से ज्यादा श्रद्धालु आते हैं. इनमें से 1.5 लाख से अधिक विदेशी होते हैं. 
141 साल पहले यानी साल 1876 में महाबोधि मंदिर के जीर्णोद्धार के समय एलेक्जेंडर कनिंघम ने इस वृक्ष को लगाया था. इस दौरान खुदाई में लकड़ी के कुछ अवशेष भी मिले, जिन्हें संरक्षित कर लिया गया. 
बाद में 2007 में इस वृक्ष, लकड़ी के अवशेष सम्राट अशोक द्वारा श्रीलंका (अनुराधापुर) भेजे गए बोधिवृक्ष का डीएनए टेस्ट कराया गया. पता चला कि यह वृक्ष उसी वृक्ष के मूल से निकला है, जिसके नीचे महात्मा बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था. 
भास्कर में छपी ख़बर के मुताबिक इसे स्वस्थ रखने के लिए साल में चार बार जांच होती है. नए पत्तों की संख्या सघनता से पता लगाया जाता है कि वृक्ष स्वस्थ है या नहीं. फिर उसी आधार पर इलाज होता है. वृक्ष की पुरानी टहनियां काटकर उस पर रासायनिक लेप चढ़ाया जाता है. 
कीटों से बचाने के लिए एक विशेष प्रकार के पदार्थ का छिड़काव होता है. वृक्ष को पोषक तत्व देने के लिए मिनरल्स का लेप चढ़ाते हैं. 2007 से ही इसकी सेहत का ध्यान रखा जा रहा है. इसको छूने पर प्रतिबंध है. 
बोधगया टेम्पल मैनेजमेंट कमेटी के सचिव नंजे दोरजे ने बताया कि देहरादून से भारतीय वन अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक इसका चेकअप करने आते हैं.
वृक्ष सहित मंदिर की देखभाल पर हर साल 5 लाख रुपए खर्च किए जाते हैं. चार डोर मेटल डिटेक्टर 10 हैंड मेटल डिटेक्टर और 50 सीसीटीवी कैमरे से इसकी निगरानी की जा रही है.
24 घंटे बिहार मिलिट्री पुलिस के 360 जवान करते हैं इसकी सुरक्षा 
साल 2007 में जब इस वृक्ष का डीएनए टेस्ट हुआ तो पता चला कि यह उसी वृक्ष की जड़ से निकला है, जिसके नीचे बैठकर सिद्धार्थ (महात्मा बुद्ध) को ज्ञान प्राप्त हुआ था.
source zee news

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