नई दिल्ली: बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक, शराब कारोबारी और राज्यसभा सांसद विजय विट्ठल माल्या 2 मार्च को ही देश छोड़कर भाग चुके हैं। उन पर 17 बैंकों का करीब 9 हजार करोड़ रुपए कर्ज है। माल्या के विदेश जाने का खुलासा बुधवार को अटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट में किया। उनके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी था। अब यह नोटिस ब्रिटेन के सुपुर्द किया जाएगा। इस केस से उठते पांच सवाल... क्या माल्या ने बैंकों को रिश्वत देकर लोन लिया...
1. लुक आउट नोटिस के बावजूद माल्या देश से चले गए?
यह सवाल इसलिए उठता है क्योंकि जिसके खिलाफ लुक आउट नोटिस होता है, उसे एयरपोर्ट पर जरूर रोक लिया जाता है।
2. माल्या भागे हैं या भगाए गए?
शक इसलिए गहराता है क्योंकि एक दिन पहले सरकार के वकील माल्या को भागने से रोकने की गुहार लगा रहे थे। एक दिन बाद वही बताते हैं कि माल्या तो 2 मार्च को ही भाग गए हैं।
3. क्या माल्या ने बैंकों को रिश्वत देकर लोन लिया?
शक इसलिए है क्योंकि सीबीआई सवाल उठा रही कि जब माल्या की कंपनी डूब रही थी, तो एक बैंक ने उन्हें 800 करोड़ रु. का लोन कैसे दे दिया?
4. किस आधार पर बैंकों ने दे दिए 9 हजार करोड़ रु. के कर्ज?
यह बात इसलिए उठी क्योंकि अटॉर्नी जनरल का दावा है कि माल्या ने लोन के लिए जो संपत्ति बैंकों में गिरवी रखी थी, वो लिए गए कर्ज का 15वां हिस्सा भी नहीं थी। फिर बैंक भी जिम्मेदार।
5. सरकार दिखावा कर रही है?
वकील प्रशांत भूषण का कहना है कि सरकार अब भी चाहे तो माल्या को वापस ला सकती है। उन्होंने कहा कि अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कल सुप्रीम कोर्ट से कहा कि माल्या को देश छोड़ने से रोका जाए, आज वही पूछने पर कोर्ट से कह रहे थे- 'वह तो देश से भाग चुका है।' तो सरकार ने उसे रोका क्यों नहीं?
4000 करोड़ विदेश भेज दिए?
- आरोप है कि माल्या ने कर्ज के 4 हजार करोड़ रुपए विदेश भेजे। सीबीअाई ने जुलाई में ही संबंधित देशों से संपर्क करने को कहा था।
- सीबीआई का कहना है कि बार-बार गुजारिश के बावजूद बैंकों ने माल्या को फ्रॉड घोषित कर शिकायत दर्ज नहीं कराई। जांच एजेंसी ने अपनी पहल पर ही केस दर्ज किया।
- मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक माल्या दो मार्च को प्राइवेट जेट से देश छोड़कर निकले। जाते के वक्त उनके पास 11 लगेज थे।
- इससे पहले सोमवार को ईडी ने भी मनीलॉन्ड्रिंग कानून के तहत माल्या के खिलाफ केस दर्ज किया था।
- इसमें किंगफिशर के सीएफओ ए.रघुनाथन और आईडीबीआई बैंक के कई अनाम अधिकारियों को भी आरोपी बनाया गया।
515 करोड़ रुपए की डील पर लग चुकी है रोक, फिर भी मिल गए 275 करोड़?
- कर्ज रिकवरी ट्रिब्यूनल ने सोमवार को ही डियाजियो कंपनी की तरफ से माल्या को 7.5 करोड़ डॉलर (515 करोड़ रु.) देने पर रोक लगा दी थी।
- डियाजियो यूनाइटेड स्पिरिट्स का चेयरमैन पद छोड़ने के एवज में माल्या को यह पैसा देने पर राजी हुई थी।
- ट्रिब्यूनल ने स्टेट बैंक के कर्ज का मामला सुलझने तक यह रोक लगाई थी।
- लेकिन माल्या को इस डील के 275 करोड़ रुपए पहले ही मिल चुके हैं।
- एटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जब 17 बैंकों का कंजोर्शियम माल्या को 515 करोड़ की डील के पेमेंट पर रोक लगाने के लिए ट्रिब्यूनल पहुंचा, तब तक देर हो चुकी थी।
- रोहतगी के मुताबिक, डियाजियो 4 करोड़ डॉलर यानी करीब 275 करोड़ रुपए माल्या को दे चुकी थी।
सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ?
- एजी मुकुलु रोहतगी ने बुधवार को कोर्ट के पूछने पर बताया कि 'माल्या तो 2 मार्च को ही देश छोड़कर जा चुके हैं।'
- अब सवाल सरकार पर उठ रहे हैं। पूर्व सीबीआई चीफ जोगिंदर सिंह का कहना है कि माल्या के भागने की पूरी जानकारी सरकार को थी।
- वहीं, वकील प्रशांत भूषण का कहना है कि सीबीआई को पता था कि माल्या भाग सकते हैं, तो कोई कदम क्यों नहीं उठाया? माल्या के खिलाफ लुकआउट नोटिस तक जारी था। ऐसे में वे भाग कैसे गए?
- अटॉर्नी जनरल के जवाब के बाद कोर्ट ने माल्या को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब मांगा है। साथ ही कहा कि उन्हें ईमेल के जरिए नोटिस भेजा जा सकता है।
- संभवत: माल्या इंग्लैंड गए हैं, इसलिए लंदन में भारतीय उच्चायोग के जरिये भी नोटिस दिया जा सकता है।
- माल्या को 2 हफ्ते के भीतर जवाब देना होगा। मामले की अगली सुनवाई 30 मार्च को होगी।
- माल्या ने कुछ दिन पहले ही यूबी ग्रुप से रिटायरमेंट के बाद लंदन में सैटल होने की बात कही थी।
- उन पर 9000 करोड़ रुपए का कर्ज है।
- किंगफिशर या माल्या ने 2012 से इस कर्ज पर न तो ब्याज दिया है और न ही प्रिंसिपल अमाउंट लौटाया है।
बैंकों का माल्या पर कितना बकाया?
(पैसा करोड़ रुपए में)
एसबीआई-1600
पीएनबी-800
आईडीबीआई-800
बैंक ऑफ इंडिया- 650
यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया-430
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया-410
यूको बैंक- 320
कॉर्पोरेशन बैंक-310
स्टेट बैंक ऑफ मैसूर-150
इंडियन ओवरसीज बैंक-140
फेडरल बैंक- 90
पंजाब एंड सिंध बैंक-60
एक्सिस बैंक-50
(सोर्स- PTI रिपोर्ट 2014)
माल्या के भारत में कितने एसेट्स?
- यूबी में 33% हिस्सेदारी की वर्थ है 7 हजार करोड़। लेकिन इनमें से आधे से ज्यादा प्रॉपर्टी एसबीआई के पास गिरवी रखी हैं।
- मैंगलोर केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स की कीमत 140 करोड़ है। लेकिन इसके एक तिहाई शेयर्स गिरवी पड़े हैं।
- यूबी का 52% हिस्सा बेंगलुरु और कई दूसरे स्थानों में रियल एस्टेट में लगा है। लेकिन सारा किराया गिरवी होने के चलते निकल जाता है।
राजा से रंक बनने का सफर
1# कहां से आए विजय माल्या?
- 1983- पिता के निधन के बाद विजय माल्या यूबी (यूनाइटेड ब्रेवरिज) ग्रुप के चेयरमैन बने। तब उनकी उम्र 28 साल थी।
- 1999- किंगफिशर एयरलाइंस लॉन्च की। जिसने देश में एयर ट्रैवल के मायने बदल दिए। आज भी यह सबसे ज्यादा बिकने वाला ब्रांड है।
- 2002- माल्या को राज्यसभा में नॉमिनेट किया गया।
2# किन-किन कंपनियों को खरीदा?
- 2005- किंगफिशर एयरलाइंस ने शराब कंपनी शॉ वॉलेस को खरीदा।
- 2006- बैगपाइपर व्हिस्की और रोमानोव वोदका बनाने वाली शराब कंपनी हरबर्ट सन्स को खरीदा।
- 2007- फॉर्मूला-1 रेसिंग टीम स्पाइकर को खरीदा। इसका नाम 'फोर्स इंडिया' कर दिया गया। कंपनी ने एयर डेक्कन समेत ब्रिटिश शराब कंपनी 'Whyte and Mackay' को खरीदा।
- 2008- आईपीएल टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु को खरीदा। बेंगलुरु में यूबी सिटी बनाई।
3# शुरू हुआ डाउनफॉल
-2012- किंगफिशर एयरलाइंस के स्टाफ ने सैलरी न मिलने को लेकर स्ट्राइक कर दी। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने एयरलाइंस के अकाउंट फ्रीज कर दिए। अक्टूबर में एयरलाइंस का लाइसेंस रद्द कर दिया गया। ब्रिटिश शराब कंपनी डियाजियो ने यूनाइटेड स्पिरिट्स लि. (यूएसएल) के ज्यादातर शेयर खरीदने की सहमति जताई।
- 2013- डियाजियो ने यूएसएल के 27% शेयर को 6500 करोड़ में खरीदा। लेकिन एयरलाइंस में पैसा लगाने वालों को एक भी पैसा नहीं मिला।
- 2014-यूनाइटेड बैंक ने यूबी को डिफॉल्टर घोषित किया।
- 2015-डियागो ने माल्या से शराब कंपनी के चेयरमैन पद से हट जाने को कहा। माल्या ने इससे मना कर दिया।
- 2016-सभी बैंक बकाए के लिए ट्रिब्यूनल में चले गए। ट्रिब्यूनल ने 515 करोड़ रुपए का आकलन किया। ये पैसे माल्या को डियागो से सेटलमेंट करने पर मिले थे।
सोर्स: दैनिक भास्कर [ads-post]

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