सचिवालय में 375 पदों पर होगी डायरेक्ट भर्ती, बढ़ेगी महिला कर्मियों की संख्या


पटना.बिहार सरकार के 44 विभागाें में सचिवालय सहायकों के लगभग एक-तिहाई पद खाली हैं। सरकार ने सचिवालय सेवा में 375 पदों पर सीधी नियुक्ति के लिए राज्य कर्मचारी चयन आयोग को अधियाचना भेजी है। सचिवालय सेवा में सहायकों की सीधी नियुक्ति के लिए विज्ञापन में पहली बार 35 प्रतिशत पद महिलाओें के आरक्षित होंगी। सचिवालय सेवा संवर्ग में 3300 पदों में सहायकों के लगभग 2900 पद स्वीकृत हैं। बढ़ेगी महिला कर्मियों की संख्या...
राज्य कर्मचारी चयन आयोग द्वारा द्वितीय स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा का परिणाम आने पर सचिवालय सहायकों के 365 पदों पर सीधी नियुक्ति का मार्ग प्रशस्त होगा। आयोग द्वारा मुख्य परीक्षा ली जा चुकी है। इसके परिणाम आने का इंतजार है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार अनुसूचित जाति व जनजाति के कर्मियों को प्रोन्नति में आरक्षण के बिना अन्य कर्मियों को प्रोन्नति दिए जाने से लगभग सचिवालय सेवा में सहायकों के 875 पद खाली हैं। 1 अप्रैल, 2016 को खाली 375 पदों को भरने के लिए जून में राज्य कर्मचारी चयन आयोग को अधियाचना भेजी गई है। उसके बाद अब तक 200 से अधिक पद खाली हो गए हैं। अब अगले वर्ष 15 अप्रैल को खाली होने वाले पदों को भरने के लिए अधियाचना भेजी जाएगी। अनुमान किया जा रहा है कि दिसंबर तक खाली पद और बढ़ जाएंगे।
35 प्रतिशत आरक्षण से बढ़ेगी महिला कर्मियों की संख्या
महागठबंधन सरकार द्वारा महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण लागू किए जाने से सचिवालय में महिलाकर्मियों की संख्या बढ़नी तय है। पहले सिर्फ कमजोर वर्ग की महिलाओं के लिए 3 प्रतिशत आरक्षण लागू होने के कारण सचिवालय में मुश्किल से 10 प्रतिशत महिला कर्मी हैं।
सुप्रीम कोर्ट में प्रोन्नति में आरक्षण पर 10 जनवरी को सुनवाई
उधर, अनुसूचित जाति व जनजाति कर्मियाें को प्रोन्नति में आरक्षण संबंधी मामले में सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की अपील याचिका पर अगले वर्ष 10 जनवरी को सुनवाई की तिथि तय है। आरक्षण का लाभ लेकर प्रोन्नत अनुसूचित जाति व अनुसूचित जाति के कर्मियों के लिए यथा स्थिति बनाए रखते सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने अपील याचिका दायर की है। खंडपीठ में प्रारंभिक सुनवाई हुई है।
पटना हाईकोर्ट द्वारा प्रोन्नति में आरक्षण संंबंधी मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने के आधार पर विभागीय प्रोन्नति समिति की बैठक पर लगी रोक पर आपत्ति किए जाने पर सरकार ने इस वर्ष 1 अप्रैल को विभागीय प्रोन्नति समिति की बैठक करने की छूट दे दी। इसके बाद विभिन्न विभागाें में प्रोन्नति से भरे जाने वाले 10 हजार से अधिक पदों पर प्रोन्नति देने की कार्रवाई हुई है।

Source: Bhaskar
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