बादल की चिंता- बढ़ रही सांप्रदायिकता, नीतीश ने कहा- बिहार से निकलेगा रास्ता


पटना.वाहे गुरुजी का खालसा-वाहे गुरुजी की फतह के जयघोष के साथ शुरू हुए पहले अंतरराष्ट्रीय सिख सम्मेलन में देश में जातिवाद, सांप्रदायिकता और असहिष्णुता में बढ़ोतरी का मामला उठा। गुरुवार को श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने सम्मेलन का उद्घाटन किया। जानिए सम्मेलन में बादल ने और क्या चिंता उठाई...

- नीतीश ने बिहार से देश को सद्भाव और सहिष्णुता का संदेश देने की बात की तो बादल ने जातिवाद, भेदभाव और सांप्रदायिकता में बढ़ोतरी पर चिंता जताई।
- हालांकि दोनों नेताओं ने समाज में सहिष्णुता और धर्मनिरपेक्षता की धारा को मजबूत बनाने के लिए गुरु गोविंद सिंह की शिक्षा को सबसे उपयोगी बताया।
- नीतीश ने कहा कि हर धर्म और संप्रदाय के लिए बिहार का महत्व है। जैनधर्म के प्रवर्तक महावीर का पूरा जीवन बिहार में गुजरा। भगवान बुद्ध को ज्ञान बिहार के बोधगया में मिला।
- वैशाली में उन्होंने महिला को संघ में शामिल कर महिला सशक्तीकरण का उदाहरण पेश किया। यह मगध साम्राज्य की राजधानी थी।
- बिहार अशोक, चंद्रगुप्त, आर्यभट्ट, चाणक्य और वाल्मीकि की धरती है। बिहार में सभी धर्म के लोगों साथ रहते हैं। 350वें प्रकाश पर्व पर बिहार से पूरी दुनिया में सद्भाव का संदेश फैलेगा।

इस समय सीएम होना गुरु की कृपा
- नीतीश ने कहा कि जब वे छात्र थे तब 300वें प्रकाशोत्सव का आयोजन हुआ था। उस साल भयंकर अकाल की स्थिति थी।
- इसे लेकर रिलीफ फंड का गठन किया गया था। बिहार सरकार इस बार भव्य आयोजन करेगी। बिहार गरीब है लेकिन अतिथि सत्कार में कोई कमी नहीं होगी।
- सम्मेलन में आने वाला हर व्यक्ति बिहार सरकार की बजाए पूरे बिहार के अतिथि हैं। प्रकाश पर्व के आयोजन के समय सरकार की कमान मेरे हाथों में होना मुझ पर गुरु की कृपा है।
- बादल ने कहा कि बिहार पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण प्रदेश है। यहीं के जयप्रकाश नारायण ने आजाद भारत में इमरजेंसी के खिलाफ लड़ाई लड़ी।
- हमारे लिए यह आजादी की दूसरी लड़ाई लड़ने जैसा था। इसमें शिरोमणि अकाली दल ने भी बढ़-चढ़ का हिस्सा लिया।
- गुरुगोविंद सिंह को संत सैनिक बताते हुए उन्होंने कहा कि गुरुजी में गजब की नेतृत्व क्षमता थी।
- उन्होंने निराश हो चुके देशवासियों में राष्ट्रीयता की भावना जगाई। बादल ने कहा कि देश को धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद का ज्ञान गुरुवाणी से ही मिला है।
उठी सिख सर्किट बनाने की मांग
- अंतरराष्ट्रीय सिख सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में बिहार में सिखों के धार्मिक स्थलों को आपस में जोड़ने के लिए सिख सर्किट बनाने की मांग जोर-शोर से उठी।
- केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री एस.एस. अहलुवालिया ने कहा कि पंजाब के बाद सबसे बड़ा सिख सर्किट बिहार में बन सकता है।
- राज्य सरकार ऐसे सभी स्थानों की पहचान कर उनका विकास करे। गुरु नानक देव, गुरु तेग बहादुर और गुरु गोविंद सिंह से जुड़े अनेक स्थान बिहार में हैं।
- गुरु नानक सोनपुर, लालगंज, राजगीर, नालंदा समेत कई स्थानों पर गए थे।
- राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष तारलोचन सिंह ने कहा कि बिहार में पर्यटन के विकास के लिए पटना साहिब सोने की खान साबित हो सकता है।
- बिहार में लाखों लोग आएंगे। प्रकाश पर्व का आयोजन जितना भव्य होगा बिहार को उतना ही लाभ होगा। हवाई अड्डे और रेलवे स्टेशन से पटना साहिब तक का रास्ता आसान होना चाहिए।
गुरुनानक भवन के लिए बादल ने दिए 10 करोड़

- प्रकाश पर्व के अवसर पर पटना में गुरु नानक भवन का निर्माण कराया जा रहा है।
- इसका उपयोग पटना साहिब आने वाले यात्रियों ठहराने के लिए किया जाएगा।
- इसके लिए पंजाब के सीएम प्रकाश सिंह बादल ने 10 करोड़ रुपए दिए हैं।
- प्रकाश सिंह बादल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सहायता राशि का चेक सौंपा।

Source: Bhaskar
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