उड़ी हमले में पिता शहीद हो गए: शव घर आया भी नहीं, पर तीन बेटियां एग्जाम देने पहुंचीं



गया.जम्मू-कश्मीर के उड़ी सेक्टर में रविवार को आतंकी हमले में शहीद हुए गया के सुनील कुमार विद्यार्थी की बेटियों ने हौसले की मिसाल पेश की है। पिता के शहीद होने के बाद बच्चियों के आंसू थम नहीं रह थे, लेकिन पढ़ाई की भी चिंता थी। घर में गमगीन माहौल के बाद भी ये बेटियां एग्जाम देने स्कूल पहुंचीं।प्रिंसिपल भी हैरान...
- सोमवार को डीएवी मेडिकल स्कूल में शहीद सुनील की तीनों बेटियां आरती, अंशु और अंशिका एग्जाम ने पहुंचीं। इन बच्चियों को देख प्रिंसिपल आशीष कुमार भी हैरान थे। वह तीनों के पास गए और उन्हें सांत्वना दी।
- स्कूल मैनेजमेंट ने इन बच्चियों का सोमवार काे एग्जाम तो लिया, लेकिन आने वाले पेपर्स में उन्हें गैरहाजिर रहने की छूट दे दी। इनके लिए अब अलग से एग्जाम कंडक्ट किया जाएगा।
छुट्टी पर घर आने वाले थे सुनील
- सुनील बोकनारी के रहने वाले थे, जहां मातम पसरा है। उन्होंने 1998 में आर्मी ज्वॉइन की थी। शहीद की पत्नी ने बताया- दो दिन पहले ही सुनील से बात हुई थी। उन्होंने बताया कि दशहरे की छुट्टी मंजूर हो गई है। 3 महीने पहले ही उनकी पोस्टिंग जम्मू हुई थी। सुनील की तीन बेटियां और 2 साल का एक बेटा है।
उड़ी हमले में 18 जवान शहीद
- रविवार को उड़ी में आर्मी पर हुए सबसे बड़े हमले में अब तक 18 जवान शहीद हो चुके हैं। पाकिस्तान से आए जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने ब्रिगेड हेडक्वार्टर पर यह हमला किया था। मारे गए आतंकियों के पास मिले सामान से ये साफ हो गया है कि हमला पाकिस्तान की साजिश था।
- न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सर्च ऑपरेशन के दौरान मारे गए आतंकियों के पास से हथियार बरामद किए गए हैं। इन सभी हथियारों पर पाकिस्तान आर्मी की मार्किंग है।
- इनके अलावा कुछ लिटरेचर है जो पश्तो भाषा में है। ये सभी सबूत डीजीएमओ लेवल की बातचीत में पाकिस्तान को दिए जाएंगे।
टेंट में जल गए थे 13 जवान
- हमले में 18 जवान शहीद हुए हैं। एक जवान की मौत सोमवार को इलाज के दौरान हुई। 13 की मौत टेंट में लगी आग से जिंदा जलने से हुई थी।
- मौके पर मौजूद एक जवान के मुताबिक, आतंकी तड़के 3.30 बजे कैंप की पिछली दीवार से घुसे। 105 मिनट तक नाइट विजन से कैंप का जायजा लिया। फिर सुबह 5.15 बजे फ्यूल टैंक से डीजल भर रहे निहत्थे जवानों पर धावा बोल दिया। 3 मिनट में 17 ग्रेनेड दागे। हमले से 150 मीटर इलाके में फैले टेंट और बैरकों में आग लग गई।
- 19 साल के डोगरा रेजिमेंट के जवान ने एक आतंकी को मार गिराया। बाकी तीन बुरी तरह जख्मी थे। उस जवान के हेल्मेट पर भी गोली लग चुकी थी। उसे साथी जवानों ने बाहर निकाला।
- आर्मी बेस के अंदर डीजल टैंक में धमाका होते ही आतंकवादी अलग-अलग होकर बैरकों में घुस गए।
- बैरक खाली थे। आतंकी वहां दूसरे फ्लोर तक पहुंच गए। बाद में हेलिकॉप्टर से पहुंचाए गए 4 पैरा कमांडो ने तीन आतंकियों को मार गिराया।
जंग की तैयारी से आए थे आतंकी
- डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन ले. जनरल रणबीर सिंह ने बताया कि आतंकवादी जंग जैसी तैयारी करके आए थे।
- ''उनके पास चार एके-47, चार अंडर बैरल ग्रेनेड लॉन्चर और भारी मात्रा में गोला-बारूद मिला है। उनके पास आग लगाने वाले हथियार भी थे।''
- कैंप से छह किलोमीटर दूर झेलम से लगते सलामाबाद नाले से आतंकी दाखिल हुए थे।

Source: Bhaskar
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