पहली महिला पायलट शंटिंग बनी ये महिला, अब बनना चाहती हैं इंस्पेक्टर

first female pilot shunting of bihar

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समस्तीपुर.समस्तीपुर रेल मंडल के लिए मंगलवार का दिन महत्वपूर्ण बना। इस मंडल की पहली महिला लोको पायलट शंटिंग संयुक्ता कुमारी ने अवध-असम गाड़ी के लिए लिंक कोच की शंटिंग की। गुजरात के अहमदाबाद डिवीजन में पहली महिला सहायक लोको पायलट के रूप में 2008 से 2012 तक पांच साल काम कर चुकी संयुक्ता लोको इंस्पेक्टर बनना चाहती हैं।

अभी वह रेल मंडल की सबसे वरिष्ठ महिला सहायक लोको पायलट के रूप में काम कर रही हैं। संयुक्ता ने बताया कि वह झारखंड के रांची स्थित पतरातू में तीन माह की स्पेशल ट्रेनिंग लेकर आई है। इस ट्रेनिंग के बाद वह यहां कुछ ही हफ्तों में लोको पायलट गुड्स बना दी जाएगी। बताया गया कि वह मंडल की पहली महिला लोको पायलट गुड्स के रूप में काम करेगी। उन्होंने बताया कि सहायक लोको पायलट के बाद लोको पायलट शंटिंग के रूप में पहले दिन उन्होंने अवध-असम, बिहार संपर्क क्रांति सहित कई गाड़ियों की शंटिंग की। संयुक्ता रेलवे में लोको इंस्पेक्टर के पद तक पहुंचना चाहती है। उन्होंने बताया कि इस पद के लिए उन्हें 75 हजार किलोमीटर लोको पायलट के रूप में गाड़ी का परिचालन करना होगा। वह अपने सपने को पूरा करने के लिए कृत संकल्पित हैं।
पिता की मौत के बाद भाई ने बढ़ाया हौसला

संयुक्ता ने बताया कि वह खगड़िया की रहने वाली है और अबोध अवस्था में ही उसके सिर से पिता का साया उठ गया। उसके बड़े भाई अखिलेश कुमार वर्मा जो खगड़िया कोर्ट में वकील हैं, ने उसे आगे बढ़ने का हौसला दिया। इंटरमीडिएट की पढ़ाई बाद ही उसने इलेक्ट्रिकल में डिप्लोमा किया और रेलवे की तैयारी में जुट गई। हालांकि 2004 में शादी के बाद उसके सपनों को पंख लगे और 2008 में रेलवे में उसकी नौकरी हुई। उसके साथ ही पति की भी नौकरी अहमदाबाद में ही हुई। उसने बताया कि उसके पति अभी समस्तीपुर में ही डीजल शेड में कार्यरत हैं। उसे संतान के रूप में एक बेटी है जिसे वह अपनी तरह स्वावलंबी बनाना चाहती है।

Source: Bhaskar
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