मेडिकल कॉलेजों से PG के बाद 3 साल तक सरकारी अस्पतालों में देनी होगी सेवा

Nitish government decision for pg admission

पटना.राज्य के मेडिकल कॉलेजों से पीजी करने के बाद छात्रों को तीन साल तक अनिवार्य रूप से सरकारी अस्पताल में सेवा देनी पड़ेगी। ऐसा नहीं करने पर छात्रों से 25 लाख रुपए जुर्माना वसूला जाएगा। इसी तरह पीजी में नामांकन के बाद छात्र द्वारा वह सीट छोड़ कर किसी अन्य कोर्स में चले जाने पर भी 15 लाख रुपए जुर्माना वसूला जाएगा। इसके लिए छात्रों को नामांकन के समय बाउंड साइन करना पड़ेगा।
मेडिकल कॉलेजों में पीजी की सीटें खाली रह जाने से कैबिनेट से यह फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस दिशा में कार्रवाई करने का आदेश दिया था।
खाली रह जाती थीं 60% सीटें
कैबिनेट विभाग के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने बताया कि आम तौर पर राज्य के मेडिकल कॉलेजों से पीजी कोर्स के लिए आवेदन करने वाले छात्र कई अन्य संस्थानों में भी आवेदन करते हैं। नामांकन की प्रक्रिया सितंबर में समाप्त हो जाने के बाद छात्र अक्सर कोर्स बदल लेते हैं। नतीजा सीट खाली रह जाती है। राज्य में पीजी की 477 सीटें हैं। इसमें से 60 प्रतिशत सीटें हर वर्ष खाली रह जाती हैं।
एक फैकल्टी में नामांकन के बाद कहीं और चले जाने वाले छात्र को 15 लाख देने पड़ेंगे। उस समय तक मिली स्टाइपेंड भी लौटानी होगी। वहीं तीन साल अनिवार्य सेवा नहीं देने वाले छात्र से 25 लाख रुपए के साथ-साथ स्टाइपेंड और वेतन की रकम भी वसूली जाएगी।
बिजली सब्सिडी के लिए 2952 करोड़ रु. जारी
सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं के लिए सब्सिडी की रकम जारी कर दी है। इससे बढ़ी हुई दर पर बिजली का बिल भुगतान करने वालों को राहत मिलेगी। इसके लिए 2952 करोड़ रुपये कैबिनेट ने मंजूर की।
Source Bhaskar

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