शिवरात्रि इस बार सात मार्च भगवान शिव के प्रिय दिन सोमवार के दिन महाशिवरात्रि है। सोमवार को महाशिवरात्रि होने से शिव पूजा करने से कई गुना अधिक पुण्य फल की प्राप्ति होगी। इस बार शिव आराधना के लिए महाशिवरात्रि का दिन विशेष शुभफलदायी रहेगा। खास बात यह है कि शिवरात्रि के ऐसे योग अब 12 साल बाद आयेंगे। आज के सुबह सुबह ही सभी मंदिरो में शिव भक्तो का लम्बी लम्बी कतारे लगी हुयी है।क्यों है इस बार की महाशिवरात्रि विशेष महत्वपूर्ण
- वैसे तो हर मास की कृष्णपक्ष चतुर्दशी को मास शिवरात्रि मनाई जाती है लेकिन फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को त्रयोदशी सयुक्त चतुर्दशी एवं रात्रि प्रधान चतुर्दशी को महाशिवरात्रि की प्रधानता मानी गई है।
- इस बार चतुर्दशी 7 मार्च सोमवार दोपहर 1:20 बजे से प्रारम्भ होकर मंगलवार प्रातः10:33 तक रहेगी।
- यह महाशिवरात्रि इसलिए भी बहुत विशेष है क्यों की शिव की दोनों तिथियाँ त्रयोदशी और चतुर्दशी शिववार सोमवार को आ रही हैं।
- इसी दिन शुभ योग एवं पंचग्रह, ग्रहण और कालसर्प योग भी रहेंगे जिनसे ग्रह शांति का विशेष लाभ मिलेगा।
- शिव तंत्र के महादेव हे इसलिए तंत्र की 4 महारात्रियों में से एक तथा मार्च की पहली महारात्रि महाशिवरात्रि है।
- तंत्र में कई साधना ऐसे होती हे जो केवल इसी रात्रि को की जा सकती है।
- इस साधना को करने से कई गुना फलदायी एवं सिद्दी दायक होती हैं।
- इसी दिन शिवज्योति प्राकट हुई थी और शिव पारवती का विवाह हुआ था।
2012 में महाशिवरात्रि सोमवार के दिन आयी थी। इसके बाद चार साल बाद ऐसा शुभ संयोग महाशिवरात्रि पर बना है अगला योग बारह वर्षो बाद 2028 में बनेगा। उन्होंने बताया कि सोमवार के दिन शिवरात्रि का होना, शुभफलदायी माना जाता है, जिनका चंद्रमा, शुक्र, राहु खराब हो, उनके लिए शिव पूजा विशेष फलदायी होगी।
Post a Comment