पटना. बारिश की वजह से रविवार को रावण, मेघनाथ कुंभकर्ण के पुतले को गांधी मैदान नहीं लाया जा सका। शनिवार से रूक-रूक कर हो रही बारिश ने रावण वध समारोह के आयोजकों की परेशानी बढ़ा दी है। अब पुतलों को सोमवार की सुबह गांधी मैदान लाने की तैयारी है। श्री दशहरा कमेटी ट्रस्ट के अध्यक्ष कमल नोपानी ने बताया कि पुतलों को खड़ा करने के लिए दो क्रेन की मदद ली जाएगी।
रावण वध समारोह में कब-कब क्या होगा
- गांधी मैदान में दर्शकों की एंट्री दोपहर बाद 1 बजे से। 13 में से 12 गेटों से दर्शकों की एंट्री होगी।
- एसबीआई के सामने स्थित मेन गेट सिर्फ विशिष्ट अतिथियों के लिए खुलेगा।
- शाम 4 बजे झांकियां और उसमें भाग लेने वाले कलाकार जाएंगे।
- शाम 4.30 बजे तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, विधानसभाध्यक्ष विजय चौधरी समेत कई गणमान्य लोग आएंगे।
- शाम 4.30 बजे के बाद राम दरबार की झांकी शुरू होगी।
- राम दरबार के दौरान हनुमान जी, जामवंत, विभीषण, बानर सेना आदि पात्र मैदान की परिक्रमा करेंगे।
- करीब 5 बजे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राम-लक्ष्मण की आरती उतारेंगे।
- शाम 5.15 बजे लंका दहन होगा, तब मेघनाथ कुंभकर्ण और आखिर में रावण का वध होगा।
- एसबीआई के सामने स्थित मेन गेट सिर्फ विशिष्ट अतिथियों के लिए खुलेगा।
- शाम 4 बजे झांकियां और उसमें भाग लेने वाले कलाकार जाएंगे।
- शाम 4.30 बजे तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, विधानसभाध्यक्ष विजय चौधरी समेत कई गणमान्य लोग आएंगे।
- शाम 4.30 बजे के बाद राम दरबार की झांकी शुरू होगी।
- राम दरबार के दौरान हनुमान जी, जामवंत, विभीषण, बानर सेना आदि पात्र मैदान की परिक्रमा करेंगे।
- करीब 5 बजे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राम-लक्ष्मण की आरती उतारेंगे।
- शाम 5.15 बजे लंका दहन होगा, तब मेघनाथ कुंभकर्ण और आखिर में रावण का वध होगा।
खास आकर्षण
- 15 फीट ऊंची रिवाल्विंग स्टेज से भगवान श्रीराम वाण चलाएंगे और धू-धू कर जल उठेगा रावण।
- पहले मेघनाथ फिर कुंभकर्ण और तब आखिर में रावण के पुतले को आग के हवाले किया जाएगा।
- रावण दहन के बाद धुआं रहित इलेक्ट्रॉनिक्स आतिशबाजी से आसमान निखरेगा।
- इस बार पहली बार गांधी मैदान में अशोक वाटिका के पूरे स्वरूप का निर्माण किया गया है।
- राम-रावण युद्ध समेत रामायण के अन्य प्रसंग के दौरान साउंड इफेक्ट के साथ पात्रों के बीच संवाद सबसे अलग और खास आकर्षण होगा।
बारिश रोकने के लिए टोटका
- रावण वध समारोह के दौरान बारिश नहीं हो, इसके लिए आयोजकों ने इंद्र देवता को प्रसन्न करने के लिए टोटका किया।
- इसमें लोहे की कड़ाही को उलटा रख कर इंद्र देवता से प्रार्थना की जाती है।
- जिस कार्य के निमित यह टोटका किया जाता है, उसके अच्छे से संपन्न हो जाने के बाद हलवा और पूड़ी का भोग लगता है।
Source: bhaskar

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